चले भी आओ ये है कब्र-ए-फानी देखते जाओ
तुम अपने मरने वाले की निशानी देखते जाओ
सुने जाते न थे तुमसे मेरे दिन रात के शिकवे
कफ़न सरकाओ मेरी बेज़बानी देखते जाओ
उधर मुँह फेर कर क्या जिबह करते हो इधर देखो
मेरी गर्दन पर खंजर की रवानी देखते जाओ
गुरूर-ए-हुस्न का सदका कोई जाता है दुनिया से
किसी की खाक में मिलती जवानी देखते जाओ
वो उत्ठा शोर-ए-मातम आखरी दीदार-ए-मैहत पर
अब उत्ठा चाहती है लाश-ए-फानी देखते जाओ
- फानी बदायुनी
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